भारत के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC Bank ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ₹16,258 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो पिछली तिमाही (₹18,920 करोड़) की तुलना में कम है। यह गिरावट HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के IPO से ₹9,128 करोड़ की कमाई के बावजूद देखने को मिली।
🔺 प्रावधान में बड़ी बढ़ोतरी
बैंक ने इस तिमाही में ₹14,442 करोड़ का प्रावधान किया, जो पिछले तिमाही की तुलना में अधिक है। यह बढ़ोतरी मर्जर के बाद एसेट क्वालिटी के प्रति सतर्कता का संकेत देती है। बैंक का ग्रॉस NPA 1.39% पर रहा और कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो नियामक मानकों से ऊपर बना हुआ है।
💰 HDB IPO से मिले लाभ ने क्यों नहीं बदली तस्वीर?
हालांकि HDB Financial Services के IPO ने बैंक की नॉन-इंटरेस्ट इनकम को बढ़ावा दिया, लेकिन बढ़े हुए प्रावधान और ब्याज लागत के कारण कुल लाभ पर दबाव बना रहा। मर्जर के बाद खर्चों में बढ़ोतरी ने भी मुनाफे को प्रभावित किया।
🎁 क्या आने वाला है HDFC Bank Bonus Issue?
इसी तिमाही रिपोर्ट के साथ बाजार में HDFC बैंक बोनस इश्यू की चर्चा भी तेज हो गई है। निवेशकों को उम्मीद है कि बैंक शेयरहोल्डर्स को बोनस देकर विश्वास बहाल कर सकता है और मार्केट में तरलता बढ़ा सकता है।
हालांकि अभी तक बैंक ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन आगामी AGM या तिमाही रिपोर्ट में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।
📊 मुख्य आंकड़े:
- कंसोलिडेटेड प्रॉफिट: ₹16,258 करोड़
- प्रावधान: ₹14,442 करोड़
- HDB IPO से आय: ₹9,128 करोड़
- ग्रॉस NPA: 1.39%
- नेट इंटरेस्ट मार्जिन: 3.4% (पिछली तिमाही में 3.6%)
🔚 निष्कर्ष
HDFC Bank के मुनाफे में आई गिरावट अल्पकालिक चुनौतियों को दर्शाती है, लेकिन दीर्घकाल में बैंक की मजबूती बरकरार है। यदि HDFC Bank Bonus Issue की घोषणा होती है, तो यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा और शेयर बाजार में उत्साह बढ़ा सकता है।
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