27 सितंबर 2025 को Google ने अपना 27वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर कंपनी ने अपने यूज़र्स को सरप्राइज देते हुए 1998 का ओरिजिनल लोगो होमपेज डूडल में लगाया।
यह डूडल सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं, बल्कि इस बात की याद दिलाता है कि Google ने एक छोटे से गैराज से शुरू होकर आज टेक्नोलॉजी की दुनिया में कितना लंबा सफर तय किया है।
27 सितंबर ही क्यों?
दिलचस्प बात यह है कि Google का असली रजिस्ट्रेशन 4 सितंबर 1998 को हुआ था। तो फिर जन्मदिन 27 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?
दरअसल, समय के साथ Google ने 27 सितंबर को अपनी ऑफिशियल एनिवर्सरी मानना शुरू किया। माना जाता है कि यह तारीख कंपनी के शुरुआती इंडेक्सिंग माइलस्टोन से जुड़ी हुई है। आज यह तारीख परंपरा बन चुकी है।
1998 का लोगो: एक साधारण लेकिन यादगार शुरुआत
इस बार का डूडल Google का सबसे पहला लोगो दिखाता है। 1998 में यह लोगो बेसिक डिज़ाइन टूल्स की मदद से बनाया गया था।
1998 लोगो की खास बातें:
- क्लासिक कलर्स: नीला, लाल, पीला और हरा रंग शुरुआत से ही लोगो का हिस्सा रहे।
- ग्रीन ‘L’: लोगो का हरा “L” खास है, जो पैटर्न को तोड़ता है और कंपनी की क्रिएटिव सोच को दर्शाता है।
- पिक्सलेटेड स्टाइल: लोगो को 90 के दशक वाली इंटरनेट फील देने के लिए ब्लॉकी और रेट्रो स्टाइल में रखा गया था।
Google ने इस डूडल के साथ लिखा:
“We’re celebrating by getting nostalgic with our first-ever logo. Search on.”
पुराना लोगो वापस क्यों लाया गया?
27वें जन्मदिन पर यह लोगो वापस लाने के कई मायने हैं:
- जड़ों से जुड़ाव: यह यूज़र्स को कंपनी की गैराज से शुरू हुई कहानी याद दिलाता है।
- ब्रांड की निरंतरता: लोगो भले बदला हो, लेकिन रंग और खेलापन हमेशा से वही रहे।
- नॉस्टैल्जिया इफ़ेक्ट: पुराने यूज़र्स के लिए यह लोगो इंटरनेट के शुरुआती दिनों की यादें ताज़ा करता है।
- टेक प्रोग्रेस का कॉन्ट्रास्ट: AI और वॉइस सर्च के दौर में यह रेट्रो लोगो बताता है कि सफर कितना लंबा रहा है।
मार्केटिंग और SEO की नज़र से देखें तो ऐसे डूडल्स मीडिया कवरेज बढ़ाते हैं और ब्रांड की स्टोरीटेलिंग को मजबूत करते हैं।
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Google लोगो और डूडल्स का सफर
- 1998: पहला लोगो, कलरफुल और सिंपल।
- 1999–2015: डिज़ाइनर रूथ केदार ने लोगो को नया रूप दिया, एक्सक्लेमेशन मार्क हटाया गया और साफ-सुथरा फॉन्ट आया।
- 2015: कंपनी ने मॉडर्न Product Sans फॉन्ट अपनाया, जो डिजिटल स्क्रीन के लिए ज्यादा उपयुक्त था।
- डूडल्स: यह परंपरा 1998 में शुरू हुई, जब बर्निंग मैन फेस्टिवल के लिए लोगो में एक स्टिक फिगर जोड़ा गया। बाद में यह इंटरेक्टिव गेम्स और ग्लोबल सेलिब्रेशंस में बदल गया।
2025 का यह डूडल एक तरह से अतीत और वर्तमान को जोड़ता है।
SEO सीख: इस डूडल से ऑनलाइन दुनिया को क्या मिला?
- सर्च ट्रेंड्स में उछाल: Google 27th birthday, Google 1998 logo जैसे कीवर्ड्स पर ट्रैफ़िक बढ़ा।
- टेम्परेरी + एवरग्रीन कंटेंट: डूडल भले एक दिन का हो, लेकिन लोगो और ब्रांडिंग की कहानी हमेशा काम आएगी।
- शेयर करने लायक: टेक और डिज़ाइन वेबसाइट्स इस तरह की खबरों को ज़रूर कवर करती हैं।
- ब्रांडिंग स्टडी: इससे लोगो के रंग, टाइपोग्राफी और आइडेंटिटी पर गहराई से कंटेंट तैयार किया जा सकता है।
निष्कर्ष
अपने 27वें जन्मदिन पर Google ने पुराने 1998 वाले लोगो को दिखाकर एक खास संदेश दिया है। यह लोगो सिर्फ पिक्सेल्स नहीं, बल्कि कंपनी के सफर, आइडेंटिटी और यूज़र्स के साथ जुड़े इमोशन्स की कहानी कहता है।
यह हमें याद दिलाता है कि बड़ी से बड़ी टेक कंपनियां भी कभी छोटी शुरुआत से निकली होती हैं — और वही शुरुआत उनकी सबसे बड़ी ताकत होती है।